22 August 2009

वाइस ऑफ़ इंडिया में ताला.. सच फ़िर जीता..

छत्तीसगढ़ में जब वाइस ऑफ़ इंडिया की हलचल तेज़ हुई, तो पता चला की वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मुरारका ने यहाँ की frenchisee ली हैये भी पता चला कि दिल्ली का गाना गाने वाले एक फर्जी पत्रकार ने ये डील करवाई हैमैं जब कैलाश भइया से मिला तो सारी बातें साफ़ साफ़ कीमैंने उन्हें भी वाइस ऑफ़ इंडिया की अंदरूनी बातें बताईं। कैलाश भइया ने स्पष्ट किया कि सब ठीक हो जाएगाइस बीच यहाँ ब्यूरो का विवाद छिड़ने लगा था। मैंने साफ़ साफ़ कह दिया कि काम में ध्यान लगाओमुझे पता था कि आज नहीं तो कल ये फर्जीवाडा फ़िर सामने आएगा हीआड़ा टेढा और फर्जी पत्रकार समझ गया था कि अगर कैलाश भैय्या और मैं मिलते रहे तो कभी भी उसकी दुकान बंद हो सकती हैउसने दांव खेलने शुरू कर दिए थेउस फर्जी पत्रकार को लगा कि दिल्ली सिर्फ़ उसीने देखा हैहम लोग २२ साल से यहाँ ऐसे फर्जीवाडे कई देखे हैंऐसे कई लोगों को बुलकाकर छोड़ा है हम लोगों नेमैंने चार दिन पहले ही कैलाश भैय्या से कह दिया था कि ये फर्जी channel है और आप यहाँ फंस गए होकुछ और चैनलों की बात भी हमने की थीउसी दिन मैंने उनसे कह दिया था की मैं व्यक्तिगत संबंधों में ज़्यादा विश्वास रखता हूँफर्जी पत्रकार के सामने ही मैंने widraw किया थाबड़ी बातों से channel नहीं चलता

आज सच फ़िर जीत गया है, वाइस ऑफ़ इंडिया में दिल्ली में ताला लग गया हैमुझे ऐसे पत्रकारों से कोफ्त होने लगी है जो तनख्वाह की आस में महीनों पड़े रहते हैंवाइस ऑफ़ इंडिया के पूरे भारत में ऐसे कई पत्रकार साथी हैं जो

2 comments:

  1. ये लेख अधूरा रह गया है क्‍या ?

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  2. अहफ़ाज भाई आंखें खोल देने वाली जानकारी देते हैं आप पर भाई आप इस ब्‍लाग में नियमित नहीं लिख रहे हैं और जानने की उत्‍सुकता बनी ही रहती है.

    आभार आपका.

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