छत्तीसगढ़ में जब वाइस ऑफ़ इंडिया की हलचल तेज़ हुई, तो पता चला की वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश मुरारका ने यहाँ की frenchisee ली है। ये भी पता चला कि दिल्ली का गाना गाने वाले एक फर्जी पत्रकार ने ये डील करवाई है। मैं जब कैलाश भइया से मिला तो सारी बातें साफ़ साफ़ की। मैंने उन्हें भी वाइस ऑफ़ इंडिया की अंदरूनी बातें बताईं। कैलाश भइया ने स्पष्ट किया कि सब ठीक हो जाएगा। इस बीच यहाँ ब्यूरो का विवाद छिड़ने लगा था। मैंने साफ़ साफ़ कह दिया कि काम में ध्यान लगाओ। मुझे पता था कि आज नहीं तो कल ये फर्जीवाडा फ़िर सामने आएगा ही। आड़ा टेढा और फर्जी पत्रकार समझ गया था कि अगर कैलाश भैय्या और मैं मिलते रहे तो कभी भी उसकी दुकान बंद हो सकती है। उसने दांव खेलने शुरू कर दिए थे। उस फर्जी पत्रकार को लगा कि दिल्ली सिर्फ़ उसीने देखा है। हम लोग २२ साल से यहाँ ऐसे फर्जीवाडे कई देखे हैं । ऐसे कई लोगों को बुलकाकर छोड़ा है हम लोगों ने। मैंने चार दिन पहले ही कैलाश भैय्या से कह दिया था कि ये फर्जी channel है और आप यहाँ फंस गए हो। कुछ और चैनलों की बात भी हमने की थी। उसी दिन मैंने उनसे कह दिया था की मैं व्यक्तिगत संबंधों में ज़्यादा विश्वास रखता हूँ। फर्जी पत्रकार के सामने ही मैंने widraw किया था। बड़ी बातों से channel नहीं चलता।
आज सच फ़िर जीत गया है, वाइस ऑफ़ इंडिया में दिल्ली में ताला लग गया है। मुझे ऐसे पत्रकारों से कोफ्त होने लगी है जो तनख्वाह की आस में महीनों पड़े रहते हैं। वाइस ऑफ़ इंडिया के पूरे भारत में ऐसे कई पत्रकार साथी हैं जो
ये लेख अधूरा रह गया है क्या ?
ReplyDeleteअहफ़ाज भाई आंखें खोल देने वाली जानकारी देते हैं आप पर भाई आप इस ब्लाग में नियमित नहीं लिख रहे हैं और जानने की उत्सुकता बनी ही रहती है.
ReplyDeleteआभार आपका.