आप लोगों को ये तो मालूम होगा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का एक रीजनल channel साधना की चर्चा आजकल छत्तीसगढ़ में कुछ ज़्यादा ही है। कारण भी पता होगा । लेकिन ये पता नहीं होगा कि ब्लू फ़िल्म की आड़ में कई हरे नोट स्वाहा हुए हैं। मैं अकेला ये मान लेता हूँ कि साधना ने अकेले पत्रकारिता का धर्म निभाया। बाकी channel और कुछ अख़बारों में तो दस दिन पहले ही सी डी पहुँचा दी गयी थी। फ़िर बाकी लोगों ने ये ख़बर क्यों नहीं उठाई। अपने ख़ास पत्रकारों की सुनें तो ये बात भी पता चली है की कुछ पत्रकार हाल ही में मलेशिया भी घूमकर आए हैं। जासूस पत्रकार बताते हैं कि पत्रकारों को ये ट्रिप उन लोगों ने करवाई जो ख़ुद इस काण्ड के हीरो हैं।
अन्दर कि बात ये भी है कि इस ख़बर के दोनों तरफ़ पैसा था। एक तरफ़ ठेकेदार थे जो सी डी चलवाने के लिए मुंहमांगी कीमत देने को तैयार थे। दूसरी तरफ़ वो आदमी है जो अगर ख़ुद सामने नहीं आता तो लोग आज भी बात करते कि यार वो कौन सा अधिकारी था पता ही नहीं चल रहा है। एक धड़ ख़बर चलवाना चाहता तो दूसरा धड रुकवाना।
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