16 March 2011

राजेश शर्मा, जहाँ कहीं भी हो , लौट आओ.तुम्हे कोई कुछ नहीं कहेगा.

प्रिय, राजेश शर्मा , आप जहाँ कहीं भी हों वापस घर आ जाइए. आपको कोई कुछ नहीं कहेगा. आपके चले जाने से आपकी "डोल्फिन" स्कूल के सभी शिक्षकों को तीन माह से तनख्वाह नहीं मिली है. यही हाल आपके अखबार "नेशनल लुक' और  कथित चैनल " हिंदुस्तान" का भी है. आपकी दोनों फ़िल्में भी आपके चले जाने के कारण अटक गयी हैं. देखिये  जो  हो गया सो हो गया, मैं तो शुरू से आपसे कह रहा था की आप उन लोगों के चक्कर में पड़ गए हैं जिन्होंने प्रेस क्लब को भी बर्बाद करके रखा है.
ये लोग सिर्फ अपना स्वार्थ देखते हैं. आपको मेरी बात समझ में नहीं आयी. आप अकेले भी नहीं गए हैं, पूरा परिवार साथ ले गए हैं. आपको सिर्फ अपने बच्चों की चिंता है, उन हज़ारों बच्चों की भी तो सोचिये, जिन्हें पहली से बारहवीं तक पढ़ाने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से आपने अस्सी-अस्सी हज़ार रुपये उनके पालकों से ले लिए हैं. कुछ बच्चों की तो परीक्षाएं सर पर हैं.   राजेश जी, आपको पता है आप कब से गायब हो? आठ मार्च को बेबीलोन होटल में  "महतारी' फिल्म के एक प्रोग्राम से आप गायब हैं. ९ मार्च से आपको सब ढूंढ रहे हैं.  आपके पाँचों नंबर बंद बता रहे हैं. आप तो भोजपुरी और छत्तीसगढ़ी कलाकारों के लिए कुछ नया करने वाले थे. अब क्या हुआ? सुना है की अपनी  हीरोइन के भाई से ही आप अपनी फिल्म का निर्देशन भी करवा रहे हैं. आपकी डोल्फिन स्कूल को लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं. अकेले बेमेतरा में ३१२ छात्र आपके शिकार हुए हैं. रायगढ़ में भी यही हालात हैं. आपके अखबार का सिर्फ सिटी एडिशन छप रहा है. सम्पादक  प्रशांत शर्मा ने भी आना जाना बंद कर दिया है. आपने उन्हें मना  किया है या बात  कुछ और है? कोई कुछ बताने को तैयार ही नहीं है. अनिल पुसदकर से आप लगातार संपर्क में हैं. आपकी मदद  के लिए वो पूरी तरह से तैयार हैं. अब तो उनकी भूमिका पर भी संदेह होने लगा है.  सुनने में तो ये भी आ रहा है की बेमेतरा की स्कूल आपने भाजपा नेता जागेश्वर साहू के नाम कर दी है. गायत्री नगर वाली स्कूल भी आप  अमित अग्रवाल के नाम पर कर  रहे हैं,   अमित कौन? याद आया? अरे आपका मकान मालिक.. जहाँ से हिन्दुस्तान की ख़बरें प्रसारित हो रही हैं. ५ माह का किराया बचा है वहां.. कुछ याद आया आपको?
आप " शक्तिमान" को बुलाओ ना? वो खाली फ़ोकट बैठे गूफी पेंटल को याद करो, जिसने आपके पैसे से भोजपुरी फिल्मों के निर्देशन में संघर्ष करने के लिए अपना वीडिओ प्रोफाइल बना लिया.   शकुनी मामा को कुछ गणित तो करने दो..
पुलिस में रिपोर्ट के डर से बनायी गयी आपकी "सेल्फ" चेक वाली स्कीम भी फेल हो गयी है. यूनियन बैंक (समता कालोनी), स्टेट बैंक ( अग्रसेन चौक) , अर्बन मर्केंटाइल ( जय स्तम्भ चौक) और स्टेट बैंक ( इंजीनियरिंग कोलेज) में आपका बैलेंस निल दिखा रहा है.   बातें बहुत सारी  हैं... पर जाने भी दो यारों ........ 

8 comments:

  1. वाह अहफाज भाई।
    इशारों इशारों में बातें कह दी, लेकिन जरा खुल कर तो बता दें।
    आपके ब्‍लाग को रायपुर के बाहर के लोग भी पढते हैं उन्‍हें भी जरा परदे के पीछे की कहानी पता चले।

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  2. ha....ha....ha...adbhut shaily....shabaash....

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  3. सु्पर रिन की धूलाई
    बि्ना टीनो पाल के
    झका झक चमक आई

    हा हा हा हा हा

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  4. पक्का कोई कुछ नहीं कहेगा...?
    ये सब ठीक है नानसेंस टाइम्स का क्या...? तीन दिन बचे हैं...होली को

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  5. अहफाज तुम्हारे इस समाचार को लोग होली न्यूज़ समझ रहे हैं.

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  6. प्रिय, गोकुल भैया,. गिरीश भैया सहित अब तक आये कमेन्ट ने मुझे प्रोत्साहित किया है. जिस पर बीतती है, वही जानता है खबर का मर्म. कल मुझे नेशनल लुक से कॉल आया था, सब अपने पुराने साथी हैं. जिस दफ्तर में नेशनल लुक का दफ्तर है, वहां भी दस माह से किराया नहीं दिया है राजेश शर्मा ने. लोग मुझे वहां बुलाना चाह रहे थे, अपनी व्यथा बताना चाह रहे थे. मेरी इस खबर को जो जैसा चाहे सोचें , पर मुझे पता है, जितने लोगों की बद्दुआ राजेश शर्मा ने ली है, उनकी दुआ मेरी ताकत बनकर सामने आयेगी, और इस घटना से एक बात और तय हो गयी है की अब आर -पार की लड़ाई तो लड़नी ही होगी. लोग इस लड़ाई को कुछ भी नाम दे सकते हैं, पर ईश्वर का आदेश है. अखबार मालिकों की अब खैर नहीं,

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  7. hum aah bhi karte hain to ho jaate hain badnaam
    or aap katl bhi karte hoto charcha nahi hota...

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  8. अच्छी पहल , समझदार को इशारा काफ़ी । अब भी यदि राजेश पुलिस की पंहुच से दूर है तो यह दुर्भाग्य है इस प्रदेश का ।

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