18 August 2010

बंद होने के लिए फिर शुरू हुआ "हिन्दुस्तान"

राजनीति में चम्मच शब्द का प्रयोग बहुत सुना था, अब तो इन चम्मचों ने पत्रकारिता का रुख कर लिया है. मैं बात कर रहा हूँ "हिन्दुस्तान" की. नेशनल लुक , डोल्फिन स्कूल और हिन्दुस्तान के मालिक राजेश शर्मा ने फिर अपने चंगु की बात मानते हुए लोकल केबल पर " हिंदुस्तान " का प्रसारण शुरू कर दिया है. इस बार मंगू ने राजेश शर्मा का साथ देने की बजाय उससे दूरी बनाना ज्यादा बेहतर समझा. चंगु अभी जिस पद  पर बने रहने का दावा कर रहा है, वो पद तीन साल पहले ही  समाप्त हो गया है, वरिष्ठ और कनिष्ठ पत्रकारों को भी अब ये समझ आ गया है की चंगु दरअसल ज़मीन का दलाल और ट्रांसपोर्टर है. अभी एक मामले में मेरे निवेदन पर वो थाने तक आये लेकिन तत्काल उसका गुणगान करना शुरू कर दिया. मेरा एक पुराना वारंट था, मैं थाने गया और थानेदार मुझे जानता नहीं था , इसीलिये वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयों की मदद लेने के अलावा मैंने अपने शुभचिंतकों को भी थाने बुलवा लिया था, काम दो मिनट का था, लेकिन समय खराब हो तो मामला लम्बा खिंच सकता था. इसी डर से मैं सारे लोगों के  संपर्क में रहा.  दो दिन बाद पता चला की चंगु ने राजेश शर्मा को जाकर बताया की आज मैंने अह्फाज़ को जेल जाने से बचा लिया. आपको उससे डरने की ज़रुरत नहीं है. हिन्दुस्तान चालू करो. बाकी मैं हूँ ना. ध्रितराष्ट्र फिर जाग गया. बिना पंजीयन के हिन्दुस्तान फिर शुरू हो गया है. मैंने भी जोर लगा दिया है की फर्जी चैनल और फर्जी लोग मीडिया को नहीं चाहिए. सरकार की लुंज - पुंज कार्यप्रणाली ने कई बार मुझे हतोत्साहित किया. इस बार तो कोर्ट में बुलवाऊंगा सबको. इनकम टैक्स वाले भी अपने स्तर पर खोज बीन कर ही रहे हैं. मुंबई तक फाइल जा चुकी है. 
चम्मचों के बल पर क्या कोई काम किया जा सकता है? अब चंगु की भूमिका सबको समझ में आ गयी है. वो अब co-ordinator हो गया है. कोई भी काम उससे करवा लो . मुख्यमंत्री से मिलना हो, रजिस्ट्री करानी हो, बस चाहिए या और कुछ भी, चंगु को एक ऐसा पद दे दो जिससे उसे अच्छे पैसे भी मिलें और प्रतिष्ठा भी रहे. राजेश शर्मा ने दे दीया . प्रेस क्लब की राजनीति अब नेशनल लुक से नहीं चलेगी. सारे लोग बौराए हुए हैं. खेल पत्रकार संघ बन गया . अब इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लोग भी अलग हो रहे हैं , सबने ये भी प्रण किया है की अपना घर ( प्रेस क्लब ) नहीं छोड़ेंगे. अब आर पार की लड़ाई का आगाज़ हो चुका है.

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