20 July 2009

.. फ़िर फर्जी निकला कामरेड...

.......किसी ज़माने मैं खुद नए लोगों से कहता था , उसके अन्दर आग है. उससे सीखो पत्रकारिता. ६ साल से खुद मना करता हूँ .. अब कहता हूँ , पत्रकारिता के साथ कमीशन खोरी सीखना है तो उससे सीखो.... आप् सब जानते हैं इस फर्जी कामरेड को.... कल इस कामरेड ने अपने रीजनल चैनल से एक पत्रकार को बाहर का रास्ता दिखाया है... उस संदिग्ध पत्रकार के बारे में सबको पता था कि बाकी जगह वसूली के अलावा उसने एक पत्रकार साथी से आठ लाख रुपये एक नेशनल चैनल का ब्यूरो बनाने के लिए वसूले थे. तीन महीने से हम लोग उन पैसों की वापसी के लिए रायपुर से दिल्ली तक ज़ोर आज़माइश कर रहे थे। आधे शहर को पता था. कामरेड को शायद कल पता चला. उसकी व्यस्तता समझी जा सकती है. उसे शायद यह भी पता नहीं होगा कि सहारा के दफ्तर से दो और चैनलों को खबर बताई जाती है. दुसरे चैनल के cameramen यहाँ चावडी जैसे बैठे रहते हैं। सहारा क्या सिर्फ़ महिला पत्रकारों को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देगा । अब तो दिल्ली से affiliated कई इंस्टिट्यूट यहाँ खुल गए हैं। सब रायपुर में सिंगल या ३ सीसीडी कैमरे से रिपोर्टिंग सीख जायेंगे तो दिल्ली वालों को तो अपनी दुकानें बंद करनी पड़ जाएँगी जिन्हें सिखाने के लिए उन लोगों ने करोड़ों खर्च करके channel और इंस्टिट्यूट लॉन्च किए हैं। सेहत को देखते हुए, अपने भविष्य के लिए घेरेबंदी अच्छी बात है लेकिन सब जगह तो ये नहीं चलेगा ना..कामरेड ने ग्रैंड चॅनल में भी अपने लोगों को चुपचाप शामिल करा दिया है। जब से वहां नए लोग आए हैं राजनीति फ़िर सर उठाने लगी है। अपने लोगों को नौकरी लगाना अच्छी बात है, लेकिन जिस पत्रकार के लिए बिलासपुर भास्कर में हड़ताल हो गयी थी। उसे सर्वश्रेष्ट बताकर ब्यूरो बनाना और बिलासपुर से फ़िर अपने पुराने साथियों को बुलाकर उन्हें धोखा देना कहाँ की परम्परा है॥ अभी केबल वार चल ही रहा है। पता नहीं कल क्या होगा। खैर ...कुछ दिन पहले सहारा के एक cameramen की नौकरी भी जाते जाते बची. उस पर आरोप था कि उसने साधना न्यूज़ को कुछ visual सप्लाई किये थे. खुद कामरेड ने मदनवाडा के visual times now को भिजवाए। तब कोई कारवाई नहीं हुई। कामरेड और उसका एक वरिष्ठ शातिर साथी कई सालों से times now में कब्ज़ा ज़माने की फिराक में हैं। अब मैं उन्हें खुला आमंत्रण दे रहा हूँ आओ और एक और channel को अपने स्वार्थ की बेदी पर चढा कर दिखाओ। कितना कमाओगे ? कितना लेकर जाओगे ? करोड़ों का बंगला बनाकर आज भी कई पत्रकार के परिजन इलाज के लिए भटक रहे हैं । क्या यही सीख दोगे आने वाली पीढी को? फालतू लोगों को संरक्षण देने से बदनामी ही हासिल होती है। मैं कई सालों से शान्ति से सब कुछ observe कर रहा हूँ। अब सब बर्दाश्त के बाहर हो गया है। मिशन वाली पत्रकारिता को कहाँ से कहाँ ला पटका है तुम लोगों ने। मैं तो सिर्फ़ इतना जानता हूँ की काम करोगे तो काम साथ आएगा। राजनीति करोगे तो सत्ता पलटने में समय नहीं लगता कामरेड।

3 comments:

  1. बहुत सहीं लिखा है भाई आपने काम करोगे तो काम साथ आएगा.

    यह आग जारी रहे.

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  2. aaj kal bahut jyad farzi kaam ho raha hai isme rok zaroori hai.....

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  3. hello dear ye baat such hai ki aaj kal bahut jyada aneitik karm ho rahe hai chainal ki aad me aise farji logon koa parada fash karna ati avashyak hai dear.......

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